डॉ. अचला पाण्डेय
जन्म : 13 नवम्बर 1973, ऊधोपुर (देवरिया) उ.प्र.
साहित्य-सेवा : प्रतिष्ठित 'पत्र-पत्रिकाओं' में लेख प्रकाशित ।
सम्प्रति : सहायक आचार्य, हिंदी विभाग बुन्देलखण्ड, विश्वविद्यालय, झाँसी
Adya Swaroop Pandey
अजीत प्रताप सिंह
जन्म : 15 दिसम्बर, 1985 को बरौलिया गाँव, फतेहपुर जिला, उत्तर प्रदेश में |
शिक्षा : प्रारंभिक शिक्षा गाँव से ही प्राप्त की | स्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय, परास्नातक अर्थशास्त्र विषय से कशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से | वर्तमान में "प्राब्लम एण्ड प्रास्पेक्ट्स ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज इन इंडिया : ए केस स्टडी ऑफ फतेहपुर डिस्ट्रिक्ट" पर कशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. चल रही है |
गतिविधियाँ : विगत कई वर्षों से अरुन्धती वशिष्ठ अनुसन्धान पीठ, इलाहबाद से जुड़े हैं | आप भारतीय कृषि, किसान कल्याण और किसान आन्दोलनों पर लिखते रहते हैं | वर्तमान समय में अवध किसान आन्दोलन के दौरान हुए मुंशीगंज गोलीकाण्ड (7 जनवरी, 1921) और गणेशशंकर विद्यार्थी पर लेखन कार्य जारी है |
अखिलेश निगम 'अखिल'
जन्म : 5 अगस्त 1966 ग्राम हसनपुर खेवली, लखनऊ, उ.प्र.
शिक्षा : एम्. काम.; आई.सी.डब्ल्यू.ए., एम्.ए. (हिंदी), एल-एल.बी, पी एच. डी (हिंदी)
गतिविधियाँ : दूरदर्शन तथा आकाशवाणी से प्रसरण, विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित ! समाज में हो रही नशाखोरी के विरुद्ध व्यापक जनजागरण का अभियान, अपर पुलिस अधीक्षक (उ.प्र.)
प्रकाशित कृतियाँ : अभिलाषा, उत्तर देगा कौन, साहित्यकार, भाव कलश !
संपादन : साहित्य त्रिवेणी (नशामुक्ति विशेषांक) कोलकाता!
सम्मान : रामधारी सिंह 'दिनकर' सम्मान 2005, हरिवंश राय बच्चन सम्मान 2007, कबीर सम्मान 2008, तुलसी सम्मान 2008, मालिक मुहम्मद जायसी सम्मान 2009, शिवमंगल सिंह सुमन सम्मान 1996 एवं 2009, शिवानी सम्मान 2010, साहित्य गौरव सम्मान (उ.प्र. हिंदी संस्थान) 2011, भारत भूषण सम्मान 2012, साहित्य शिरोमणि सम्मान 2013, स्वामी विवेकानंद सारस्वत सम्मान 2014, सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक 2015 तथा अनेक अन्य संस्थाओं द्वारा सम्मानित !
संपर्क सूत्र : 1. क़स्बा खुर्दई बाज़ार, पो. बक्कास, लखनऊ - 226002
2. ओम निवास, 51 क्ले स्क्वायर कॉलोनी, कबीर मार्ग, लखनऊ - 226001
दूरभाष : आवास 0522-2238651, 2816182, 09793274150
अली अहमद फातमी
एलिस मनरो
जन्म : 10 जुलाई, 1931
शिक्षा : यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न, आन्टरियों से अर्जित किया ।
गतिविधियाँ : ‘न्यू यार्कर' में प्रकाशित प्रतिष्ठित और यशस्वी लेखकों की विशिष्ट मण्डली में उनका भी
है तथा कहानियों की माँग कनाडा और अमेरिका की प्रमुख पत्रिकाओं में सदा रहती है । नारवे से आरट्रेलिया,
विश्व के हर कोने से उन्हें अपनी रचनाओ पर बोलने के लिए आमंत्रित किया जाता है ।
पुरस्कार :
वर्ष 2013 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित । डान्स आँफ़ द हैप्पी शेड्स पर 1968 में प्रकाशित पहली
पुस्तक कनाडा का गवर्नर जनरल पुरस्कार मिला । 1971 में लाइव्स आँफ गर्ल्स ऐण्ड वीमेन विशेष रूप
से लोकप्रिय हुआ और उसके बाद 1974 में प्रकाशित समथिंग आई हैव बीन मीनिंग टू टेल यू/चार साल बाद
प्रकाशित कहानी संग्रह हु डू यू थिंक यू आर? काफी समय तक बेस्ट सेलर पुस्तकों की तालिका में रहने के
साथ एलिस मनरों के लिये दूसरा गर्वनर जनरल पुरस्कार जीत लाया । द बेगर मेड शीर्षक के अन्तर्गत
प्रकाशित यह अविस्मरणीय पुस्तक लब्ध प्रतिष्ठित ‘बुकर पुरस्कार' के लिये दूसरे स्थान पर थी और इसने
एलिस मनरो को हमारे युग के महानतम लेखकों की पंक्ति में बैठा दिया । द प्रोग्रेस आँफ लव कहानी संग्रह
पर उन्हें तीसरी बार गवर्नर जनरल पुरस्कार मिला ।
अलका प्रकाश
15 जुलाई, 1977 को उत्तर प्रदेश के जिला मऊ की घोसी तहसील में जन्म । इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक (एम.ए. हिंदी साहित्य) । डॉ० शैल पाण्डेय के निर्देशन में डी० एम० पी० की उपाधि । स्थानीय सी० एम० पी० डिग्री कॉलेज में अंशकालिक अध्यापन । ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में अतिथि प्रवक्ता ।
स्त्री-विमर्श से समन्धित 'तन्द्रा टूटने तक' (प्रकाशनाधीन) । विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविता, लेख आदि प्रकाशित ।
सम्प्रति--स्वतंत्र लेखन
अलोक यादव
उत्तर प्रदेश के कायमगंज, जिला फर्रुखाबाद में जन्मे आलोक यादव 30 जुलाई, 2016 को अपने जीवन के पचासवें वर्ष में पदार्पण करेंगे | 'उसी के नाम' उनका प्रथम गजल संग्रा है |
भारत सर्कार के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के पद पर आसीन आलोक यादव वर्ष 2014 में 'इंटरनेशनल इन्टेलेक्चुअल पीस अकेडमी' द्वारा डॉ. इकबाल उर्दू एवार्ड एवं 'डॉ. आसिफ बरेलवी अवार्ड' से नवाजे गए हैं | वर्ष 2015 में 'दुष्यंत कुमार सम्मान' मिला एवं 2016 विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर द्वारा 'विद्या वाचस्पति' की मानद उपाधि दी गई |
सरिता, गृहशोभा, सखी, अहा | जिंदगी, कादम्बिनी, आधारशिला, उत्तर प्रदेश, नया दौर (उर्दू) आदि पत्रिकाओं तथा दैनिक जागरण, अमर उजाला, इंकलाब (उर्दू), सहारा (उर्दू) आदि समाचार पत्रों में सतत प्रकाशन |
आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के विभिन्न वेबसाइट www.rekhta.org एवं www.kavitakosh.org पर भी गजलें संग्रहीत |
मोबाइल : 09412736688
ईमेल : alokyadav1@rediffmail.com
अमृत त्रिपाठी
जन्म : 31 मई, 1981
मूल निवासी : रानीखेत, उत्तराखंड;
पैतृक गाँव : दैरी, द्वाराहाट।
शिक्षा : केन्द्रीय विद्यालय, रानीखेत से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण कर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत से बी.एससी. में स्नातक तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से बायोटेक्नोलॉजी में स्नातकोत्तर की उपाधि।
लेखन, गायन तथा विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के विषय में शोध तथा उन्हें बनाने में रुचि।
आनंद अमितेष
जन्म : वर्ष 1976 में उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ के एक छोटे से गांव में ।
सम्प्रति : उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग में राजपत्रित अधिकारी के पद पर कार्यरत |
जीवन पर प्रभाव : प्रारम्भ से ही गुर्जिएफ़, रजनीश, अरबिंदो, बुल्लेशाह, मंसूर, अमीर खुसरो, मिर्जा गालिब और मीर तकी मीर जैसे सदगुरुओँ, सूफी संतों और शायरों से प्रभावित रहा । इनके अतिरिक्त उस्ताद नुसरत फतेह अली खान और मेहंदी हसन साहब की गायकी में डूबा रहा ताउम्र ।
लेखन : लेखन का प्रारम्भ ग़ज़लों एवं गीतों से । आगरा आकाशवाणी से ग़ज़लों का प्रसारण | विभिन्न पत्रिकाओं में गीत, कविताएँ एवं लेख प्रकाशित |
पता : बी- 9 वैष्णों रॉयल अपार्टमेंट्स, स्वर्ण जयंती नगर, रामघाट रोड़, अलीगढ- 202126 (उ.प्र. )
e-mail : mukesh219701489@gmail.com
Anand Prakash
डॉ. अनीता गोपेश
जन्म : 24 अगस्त, 1954 (इलाहाबाद में ही)
शिक्षा : एम.एस-सी., डी.फिल (प्राणि-विज्ञान)
साहित्य सेवा : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए फ्रीलांस लेखन, छात्र जीवन से ही फीचर, लेख कहानियाँ प्रकाशित ।
आकाशवाणी-दूरदर्शन से महिला, बच्चों के लिए लेख, साहित्यिक कार्यक्रमों के लिए गम्भीर विषयों पर अनेक कहानियाँ, लेख, शब्द-चित्र तथा नाटक प्रसारित ।
हंस, बागर्थ, पाखी, कथादेश, वर्तमान साहित्य, आजकल आदि में कहानियाँ, लेखा आदि प्रकाशित । नाटक आकाशवाणी की परीक्षित नाटक कलाकार, मगर की प्रतिष्ठित रंग-संस्था ‘इलाहाबाद आर्टिस्ट एसोसिएशन' की सक्रिय सदस्य । वर्तमान में प्रतिष्ठित रंग संस्था ‘समानांतर' की अध्यक्षा । कथा संग्रह-‘कित्ता पानी’ ज्ञानपीठ प्रकाशन से प्रकाशित ।
सम्प्रति : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राणि-विज्ञान विभाग में अध्यक्ष तथा मत्स्यकी में शोध कराने में संलग्न ।
अनूप बरनवाल
अनूप बरनवाल का जन्म 15 जुलाई 1973 को जिला आजमगढ (यूपी) के एक छोटे से कस्बा ढेकमॉ बाजार में हुआ । आपने तिलकधारी महाविद्लायल, जौनपुर (पूर्वाञ्चल विश्वविद्याल) से बी. एस-सी. एवं कानून की पढाई की और 'एल-एल. बी. परीक्षा में सर्वोच्च स्थान व गोल्ड मेडल प्राप्त किया । आप वर्ष 1998 से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर रहे है ।
वकालत के साथ आप एकेडमिक रुचि भी रखते है । कानून की पुस्तक 'प्रिन्सिपल एण्ड प्रैक्टिस आँफ रिट जुरिस्दिडक्शन' वर्ष 2004 में प्रकाशित हुई । आप विधिक पत्रिका 'वायस आफ लॉ एण्ड जस्टिस' के सम्पादन का दायित्व वर्ष 2010 से निभा रहे है । आपने संस्थागत सुधार के लिए भी समय-समय पर
प्रयास किया । इस दिशा में संवैधानिक महत्त्व की कई जनहित याचिकायें दाखिल की,जिनमें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष' भारत के निर्वाचन आयोग में चयन प्रक्रिया में सुधार'और इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश राज्य
के 'लोकायुक्त', 'सी.बी.सी.आई.डी.','विजिलेन्स', 'उपलोकायुक्त', जैसै महत्वपूर्ण संस्थाओं में सुधार के सम्बन्थ में जनहित याचिकाये प्रमुख है ।
आपके द्वारा 'यूनिफार्म सिविल कोड' विषय पर भी शोध-कार्य किया जा रहा है ।
अरुण बागची
अरविन्द सिंह तेजावत
मीरां के चर्चित शोधार्थी अरविन्द सिंह तेजावत का जन्म 26 जुलाई, 1978 को राजस्थान के एक परम्परावादी राजपूत राव परिवार में हुआ ! विद्यालयी एवं विश्वविद्यालयी शिक्षा उदयपुर नगर से ग्रहण करने के पश्चात् जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय से उन्होंने एम्.फिल. एवं पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं !
लेखकीय जीवन का आरम्भ एक संपादक-पत्रकार के रूप में करने के पश्चात् वर्तमान में वे हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य के रूप में कार्यरत हैं ! तेजावत राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी-विभाग के संस्थापक सदस्य हैं जहाँ उन्होंने दो वर्ष तक सहायक आचार्य के रूप में अध्यापन किया ! इससे पूर्व वे दिल्ली विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों एवं दिल्ली के कुछ अनुसन्धान संस्थानों में कार्यरत थे !
तेजावत पिछले एक दशक से मीरांबाई एवं मध्यकालीन साहित्य, समाज एवं संस्कृति से जुड़े विषयों पर शोधरत हैं ! उन्हें गंभीर शोधार्थी, सजग लेखक एवं समर्पित अध्यापक माना जाता है ! अब तक वे देश एवं विदेश में मीरां, मध्यकालीन साहित्य एवं संस्कृति से सम्बंधित अनेक व्याख्यान दे चुके हैं ! साहित्यिक, सामाजिक एवं राजनितिक विषयों पर तेजावत समाचार-पत्रों एवं पत्रिकाओं के नियमित लेखक हैं !
डॉ– आशा गुप्त
जन्म : 1934
जन्म स्थान : अयो/या (उ–प्र–) ।
प्रकाशन : ‘सगुण और निर्गुण हिन्दी–साहित्य का तुलनात्मक अ/ययन’ (शोध–प्रबन्धन डी– फिल्–) ।
‘अप्रत्याशित’ (कहानी संग्रह) ।
आकश कवच (कविता संग्रह) ।
सम्प्रति : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में रीडर ।
जन्म तिथि: 23 अप्रैल, 1955
जन्म स्थान: ग्राम बनवारीपुर जलेसर, एटा (उ.प्र.)।
शिक्षा: केन्द्रीय विद्यालय, तिरुपति (आ.प्र.); केन्द्रीय विद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी।
बी. ए. प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान (स्वर्ण पदक विजेता)।
स्नातक पत्रकारिता।
बी. ए., एम. ए. तथा पत्रकारिता की उपाधियाँ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से प्राप्त की हैं। पत्रकारिता में विशेष रुचि। लान टैनिस तथा बैडमिन्टन में काशी विश्वविद्यालय में चैम्पियन तथा कैप्टेन। पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख प्रकाशित।
नाम : डॉ. आशुतोषराय
जन्मस्थान : ग्राम- पकड़ीखुर्द, पोस्ट- पकड़ी बुजुर्ग, (घोसी) मऊ, यूपी
जन्मतिथि : 18-02-1976 : 43 ए, नथमलपुर, गोरखनाथ मन्दिर, गोरखपुर
हाईस्कूल : 199०, राजकीय जुबिली इण्टर कालेज, गोरखपुर
इण्टरमीडिएट : 1992
बीए, : 1995, सेण्ट एण्ड़एंड्रयूजेज, गोरखपुर
एम.ए. (हिन्दी ): 1998, दीन दयालदयाल उपाध्याय गोरखपुर्वविद्यालय, गोरखपुर
पी-एचडी. : 2004, काशी विद्यापीठ, वाराणसी
बाल शोरिरेड्डी
भैरवप्रसाद गुप्त
जन्म : 7 जुलाई 1918 को सिवानकला गाँव (बलिया, उ॰प्र.) ।
शिक्षा : इविंग कॉलेज, इलाहाबाद से स्नातक ।
अपने शिक्षक की प्रेरणा से कहानी लेखन की ओर रुझान हुआ । जगदीशचन्द्र माथुर, शिवदान सिंह
चौहान जैसे लेखकों एवं आलोचकों के सम्पर्क और साहित्यक-राजनीतिक परिवेश में उनके रचनात्मक संस्कारों को दिशा मिली ।
सन् 1940 में मजदूर नेताओँ से सम्पर्क । सन् 1944 में माया प्रेस, इलाहाबाद है जुडे । अपने अन्य समकालीनों की तरह आर्य समाज और गाँधीवादी राजनीति की राह से बामपंथी राजनीति की ओर आये । सन 1948 में वे कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने ।
प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : उपन्यास-शोले, मशाल, गंगा मैया, जंजीरें और नया आदमी, सत्ती मैया का चौरा, धरती, आशा, कालिन्दी, रम्भा, अंतिम अध्याय, नौजवान, एक जीनियस की प्रेमकथा, भाग्य देवता, अक्षरों के आगे (मास्टर जी) , 'छोटी-सी शुरुआत , कहानी संग्रह-मुहब्बत्त की राहें, फरिश्ता, बिगडे हुए दिमाग, इंसान, सितार के तार, बलिदान की कहानियाँ, मंजिल, महफिल, सपने का अंत, आँखों का
सवाल, मंगली की टिकुली, आप क्या कर रहे हैं ? नाटक और एकांकी-कसौटी, चंदबरदाई, राजा का बाण । सम्पादित पत्रिकाएँ-माया, मनोहर कहानियाँ, कहानी, उपन्यास, नई कहानियाँ, समारंभ-1, प्रारंभ ।
निधन: 5 अप्रैल, 3995
बंगला के सुपरिचित कथाकार।
जन्म: 18 मार्च 1912 को कलकत्ता में।
शिक्षा: कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए.।
व्यवसाय: मुख्यतः लेखन।
अब तक अनेक कहानियाँ और उपन्यास लिख चुके हैं। बंगलाभाषी समाज के अलावा हिंदी व तमिल समाज में भी समान रूप से लोकप्रिय हैं।
उल्लेखनीय कृतियाँ:
उपन्यास: अन्यरूप, साहब बीबी गुलाम, मैं राजाबदल, परस्त्री, इकाई दहाई सैकड़ा, खरीदी कौड़ियों के मोल, मुजरिम हाजिर, पति परम गुरु, बेगम मेरी विश्वास, चलो कलकत्ता आदि। कुल लगभग 70 उपन्यासों की रचना।
कहानी-संगह: पुतुल दीदी, रानी साहिबा।
रेखा-चित्र: कन्यापक्ष।
निधन: 2 दिसम्बर, 1991
बिमल दे
जन्म सन 1940, कोल्कता में ! बचपन से बंधनमुक्त होकर घर से भागकर बहुत बार हिमालय का चक्कर लगाया ! 1956 में जब तिब्बत का दरवाजा विदेशियों के लिये लगभग बंद हो चूका था, एक नेपाली तीर्थयात्री दल में शरीक होकर तमाम अडचनों से जूझता हुआ बिमल ल्हासा से कैलास तक की यात्रा कर आया !
बिमल 1967 में साइकिल पर विश्व-भ्रमण के लिए निकला ! एक पुराणी साइकिल, जेब में कुल अठारह रूपये, मन में अदम्य उत्साह और साहस, यही उसकी पूँजी थी ! रस्ते में छिटपुट काम कर रोटी का जुगाड़ करगा, फिर आगे बढ़ता ! इस तरह पांच साल तक दुनिया की सैर करने के बाद वह 1972 में भारत लौटा ! इन यात्राओं का विवरण ‘दूर का प्यासा’ नामक ग्रन्थ में उसने 7 खंडो में लिखा ! बिमल सन 1972 से 1980 तक मुख्यतः पर्वतारोही पर्यटक के रूप में विश्व के पर्वतीय स्थलों की यात्रा करता रहा ! 1981 से 1998 के बीच उसने तीन बार उत्तरी ध्रुव और दो बार दक्षिणी ध्रुव की यात्रा की ! उसके अन्य ग्रन्थ हैं महातीर्थ के अंतिम यात्री व् सूर्य प्रणाम !
फ्रांस की संस्थाओं ने तथा वाशिंगटन के नेशनल गेओग्रफिक सोसाइटी ने बिमल को कई बार सम्मानित किया है ! बिमल अमेरिकी पोलर सोसाइटी का आजीवन सदस्य है तथा ब्रितानवी पोलर सोसाइटी का परामर्शदाता भी ! अपने ढंग का अनूठा पर्यटक और दार्शनिक होने के साथ ही बिमल एक मानव प्रेमी है और वह निरंतर जनहितकार कार्यों में जुटा रहता है !
प्रो. ब्रह्मदेव मिश्र
जन्म : वाराणसी के गौर, मिर्जामुराद में जनवरी, सन् 1935
गतिविधियाँ : गोवा विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर (सेवानिवृत्त)
प्रकाशित कृतियाँ : स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी समीक्षा सिद्धान्त, धूमिल और उसका काव्य-संघर्ष अज्ञेय का उपन्यास संसार
संप्रति : गाँव में रहकर अध्ययन, मार्गदर्शन एवं सामाजिक सेवा में संलग्न।
ब्रजेश्वर वर्मा
सन् १९४२ ई० में प्रो० धीरेन्द्र वर्मा के निर्देशन में डॉ० ब्रजेश्वर वर्मा के 'सूरसागर के जीवन और कृतित्व' ' पर शोध-प्रबंध प्रस्तुत कर ब्रजेश्वर वर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग से डी० फिल० की उपाधि अर्जित की ।
'सूर-मोमांसा और 'सूरदास' डर वर्मा के दो अन्य ग्रंथ भी सूर संबंधी अध्ययन के क्रम में प्रकाशित हुए हैं । 'सूरदास' के गुजरात, पंजाबी, मराठी और असमिया से अनुवाद भी प्रकासित हुै ।
सन् १८०६३ ई० तक इलाहाबाद विश्व- विद्यालय के .हिंदी विभाग के अध्यापन के बाद डॉ० वर्मा आगरा चने गये जहां उन्होंने प्रोफैसर- निदेशक का पद लेकर उन्होंने भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्थान को लगभग बारह वर्ष सेवा की ।
अवकाश के बाद प्रो० वर्मा हिन्दी भाषा और साहित्य संबंधी अध्ययन लेखन में व्यस्त रहे तथा उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को अनेक योजनाओं में कार्य किया ।
जन्म: 29 जून, 1935 ई.। बांग्ला के शीर्ष कथाकारों में एक। बांग्ला पाठकों के बीच संप्रति सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार।
शिक्षा: आरंभिक पढ़ाई-लिखाई अविभाजित बंगाल के रंगपुर और बड़िशाल में, जो अब बांग्लादेश में हैं। कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से उच्च शिक्षा।
रचनाएँ: अब तक शताधिक उपन्यास, कथा संकलन एवं अन्य कृतियाँ प्रकाशित। इनमें ‘कोजागर’, ‘कोइल तीरे’, ‘अदल-बदल’, ‘मधुकरी’, ‘लंगड़ा पाहन’, ‘धूलो- बाली’, ‘चबूतरा’, ‘खेला जखोन’, ‘सविनय निवेदन’, ‘स्वगोक्ति’, ‘अभिलाष’, ‘प्रथम प्रवास’, ‘भोरेर आगे’, ‘हलुद बसंत’, ‘बनबीविर बने’, ‘निनी कुमारीर बाघ’, ‘पंचम प्रवास’, ‘जेठू मनी एंड कंपनी’, ‘हजार दुआरी’, ‘नग्न निर्जन/बाती घर’, ‘पंच प्रदीप’, ‘संधेर परे’ आदि विशेष उल्लेखनीय हैं।
सम्मान: बांग्ला साहित्य जगत में सर्वाधिक प्रतिष्ठित ‘आनंद पुरस्कार’ समेत ‘शरत् पुरस्कार’, ‘विभूतिभूषण पुरस्कार’ एवं ‘शिरोमणि पुरस्कार’ आदि से सम्मानित। एक उपन्यास डॉ. जॉन विलियम हूड द्वारा अंग्रेजी में और कुछ कृतियाँ अन्यान्य भारतीय भाषाओं में अनूदित।
वृत्ति: पेशे से एकाउंटेंट, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के फेलो हैं। पश्चिम बंगाल सरकार के वन विभाग के अधीन वन्य जीवन सलाहकार बोर्ड के सदस्य, पश्चिम बंगाल पर्यटन विकास निगम के निदेशक, सांस्कृतिक केंद्र ‘नंदन’ के सलाहकार बोर्ड के सदस्य, शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती वि.वि. के रवीन्द्र भवन की प्रबंध समिति के सदस्य के रूप में दायित्व निर्वाह। रवीन्द्र संगीत के गहरे जानकार: आकाशवाणी कलकत्ता के रवीन्द्र संगीत आडिशन बोर्ड में पाँच साल तक रहे। श्री गुहा प्रतिभाशाली गायक व चित्रकार भी हैं। अब तक बांग्ला पुरातनी गान के दो कैसेट और पेंटिंग्स का एक एलबम जारी हो चुके हैं।
सी. एम्. योहन्नान
डा. चम्पा श्रीवास्तव
जन्म : 13 जुलाई 1951 रायबरेली ।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), कानपुर विश्वविद्यालय उप्र.), पीएचडी. सागर विश्वविद्यालय मप्र.)
गतिविधियाँ : हिन्दी के आत्मकथात्मक साहित्य का विकास विषय पर शोधकार्य । सम्प्रति एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, फिरोज गांधी स्नातकोत्तर कॉलेज, रायबरेली (कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर), 38 वर्षो से स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में शिक्षण । राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित 1 आकाशवाणी, रेडियो एवं दूरदर्शन में साहित्यिक वार्तायें एवं परिचर्चा । राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला एवं संगोष्ठियों में सहभागिता ।
सम्मान : भारत की सर्वश्रेष्ठ वक्ता (जेसीरेट) का मिल्टन अवार्ड, भारतीय जूनियर चैम्बर, लायन्स क्लब द्वारा उत्कृष्ट शिक्षकत्व सम्मान से विभूषित, अन्तर्राष्ट्रीय मानस संगम द्वारा सम्मान, नगर निगम डिग्री कॉलेज लखनऊ द्वारा हिन्दी सेवा हेतु सम्मान, उप्र. हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रशस्ति पत्र, महिला जगत का गौरव-सुरभि साहित्य संस्कृत अकादमी, रायबरेली, रेणु स्मृति सम्मान, सरस्वती प्रतिष्ठान रायबरेली, गौरापंत शिवानी सम्मान, महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान, सरोजनी मिश्रा स्मृति सम्मान, उत्कृष्ट लेखिका सम्मान, खालसा सम्मान, ज्ञान भारती सम्मान, परशुराम सम्मान, निराला सम्मान 2010 डलमऊ, प्रियंवदा सम्मान 2010 इटौंजा, पं. बृज बिहारी द्विवेदी सम्मान ।
Chandroya Dikshit
डॉ० चित्रा चतुर्वेदी 'कार्तिका'
उत्तर प्रदेश के आगरा' जिले के ग्राम होलीपुरा में, २० सितम्बर को जन्म । बचपन एव प्रारम्भिक शिक्षा उज्जैन? ग्वाग्वालियर,दौर व जबलपुर में । इलाहाबाद यूनिर्वसिटी है १९९२ में राजनीति शास्त्र मेँ एम० ए० तथा १६६७१९६७ डी० फिलर की उपाधि प्राप्त की ।
बहुत कम आयु में ही रोग, कष्ट, मृत्यु एव लगातार एक के बाद एरक प्रिय-बिछोह के आघातों संवेदनशीलता धुल-धुल कर और अधिक निर्मल हुई है ।
साहित्यिक अभिरुचि पितापिताश्रीविरासत में पाई । अपने समय कें प्रख्यात साहित्य-समीक्षक स्व० न्यायमूर्ति ब्रजकिशोर चतुर्वेदी ( मध प्र० उच्च न्यायालय) के निर्भीक एवं स्वतन्त्र व्यक्तित्व का गहरा प्रभाव पड़ा मानस पर 1
आठ-नौ वर्ष की आयु मैं पहली कविता 'शिशु में प्रकाशित हुईं थी । छात्र-जीबन में हिन्दी व अंग्रेजी में नाटक तथा रूपकरूपकोंलेखन; निर्देशन व सफन सफलन । कहानियां, कविताएँ और निबन्ध समय-समय पर प्रकाशित । आकाशवाणी पर भी नाटक, प्रहसन व वार्वार्ताएँसारित ।
साहित्य के अतिरिक्त चित्र-कला, छायाछायांकनपर्यटन जीवन कें प्रिय सहचर हैं । प्राकृतिक सौदर्य की उपासिका तथा श्रीचरणों की आराधिका 1
सम्मति--शासकीय कला एव वाणिज्य महा- विद्यालय, जबलपुर में राजनराजनीति्ञान का अध्यापन । अब अवकाश प्राप्त
दीपक कुमार पाण्डेय
जन्म: 10 अगस्त, 1990, ग्राम-भीमपुर, जिला-भदोही (उ.प्र.)
शिक्षा: स्नातक तथा परास्नातक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उतीर्ण।
पुरस्कार: परास्नातक में सर्वोचच अंक के साथ वरीयता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने हेतु बैंक ऑफ बड़ौदा की ‘मेधावी विद्यार्थी सम्मान’ योजना के अन्तर्गत प्रशस्ति पत्रा।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा भोपाल (म.प्र.) में आयोजित 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में ‘हिन्दी में विज्ञान लेखन: समस्या एवं समाधान’ विषय पर पत्रावाचन।
सम्प्रति: हिन्दी और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद में ‘हिन्दी के दलित और गैरदलित कवियों की दलित सम्बन्धी कविताओं का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर प्रो. मुश्ताक अली के निर्देशन में शोधरत।
मो.: 9452695687, 8564863172
Address:1-B, Netaji Subhash Marg,
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