सुनील विक्रम सिंह
जन्मः 29, अप्रैल 1969, वाराणसी जनपद की अकोढ़ा कलाँ गाँव में ।
शिक्षाः प्राथमिक शिक्षा कोरापुट (उड़ीसा) जनपद के जामपुर शहर तथा गाँव की प्राथमिक पाठशाला से । इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा एम.ए., ‘ जे.आर.एफ./नेट ’ परीक्षा उत्तीर्ण । बी.एच.यू. से ‘पी-एच.डी की’ उपाधि ।
साहित्य सेवाः ‘आजकल’, ‘कादम्बिनी’, ‘उत्तर प्रदेश’, ‘वर्तमान साहित्य’, ‘नवगीत’, ‘नई धारा’, ‘लमही’, इत्यादि पत्रिकाओं में कविताएँ, कहानियाँ और व्यंग्य प्रकाशित । ‘काँपता हुआ इन्द्रधनुष’ (उपन्यास ), ‘हिन्दी साहित्य का कथेतर गद्य’ (समीक्षा), ‘मॉरिशस का कथा साहित्य और अभिमन्यु अनत’, ‘आधुनिक हिन्दी साहित्य’, (समीक्षा) ‘प्रहलाद रामशरणः मॉरिशस में हिन्दी साहित्य के अनन्य साधक’ (समीक्षा) प्रकाशित ।
पुरस्कारः प्रतापनरायण युवा साहित्य सम्मान काव्यमित्र सम्मान, हिन्दी सेवी सम्मान से विभूषित ।
सम्प्रतिः साहित्यिक संस्था संचेतना के संस्थापक और अध्यक्ष जनपद हिन्दी साहित्य सम्मेलन जौनपुर के अध्यक्ष ।