Regular Price: Rs. 395
Special Price Rs. 356
10%
Regular Price: Rs. 150
Special Price Rs. 135
10%
Regular Price: Rs. 150
Special Price Rs. 135
10%
Regular Price: Rs. 395
Special Price Rs. 356
10%
Regular Price: Rs. 125
Special Price Rs. 113
10%
Regular Price: Rs. 250
Special Price Rs. 225
10%
Regular Price: Rs. 295
Special Price Rs. 266
10%
Regular Price: Rs. 350
Special Price Rs. 315
10%
Regular Price: Rs. 75
Special Price Rs. 67
11%
Regular Price: Rs. 99
Special Price Rs. 90
9%
शिवानी
जन्म : 17 अक्तूबर, 1923 को विजयादशमी के दिन राजकोट (गुजरात)।
शिवानी की पहली रचना अल्मोड़ा से निकलनेवाली ‘नटखट’ नामक एक बाल-पत्रिका में छपी थी। तब वे मात्र बारह वर्ष की थीं। इसके बाद वे मालवीय जी की सलाह पर पढऩे के लिए अपनी बड़ी बहन जयंती तथा भाई त्रिभुवन के साथ शान्तिनिकेतन भेजी गईं, जहाँ स्कूल तथा कॉलेज की पत्रिकाओं में बांग्ला में उनकी रचनाएँ नियमित रूप से छपती रहीं। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर उन्हें ‘गोरा’ पुकारते थे। उनकी ही सलाह पर कि हर लेखक को मातृभाषा में ही लेखन करना चाहिए, शिरोधार्य कर उन्होंने हिन्दी में लिखना प्रारम्भ किया। शिवानी की पहली लघु रचना मैं मुर्गा हूँ, 1951 में ‘धर्मयुग’ में छपी थी। इसके बाद आई उनकी कहानी लाल हवेली और तब से जो लेखन-क्रम शुरू हुआ, उनके जीवन के अन्तिम दिनों तक अनवरत चलता रहा। उनकी अन्तिम दो रचनाएँ सुनहु तात यह अकथ कहानी तथा सोने दे उनके विलक्षण जीवन पर आधारित आत्मवृत्तात्मक आख्यान हैं।
1979 में शिवानी जी को पद्मश्री से अलंकृत किया गया। उपन्यास, कहानी, व्यक्तिचित्र, बाल उपन्यास और संस्मरणों के अतिरिक्त, लखनऊ से निकलनेवाले पत्र ‘स्वतंत्र भारत’ के लिए शिवानी ने वर्षों तक एक चर्चित स्तम्भ ‘वातायन’ भी लिखा। उनके लखनऊ स्थित आवास-66, गुलिस्तां कालोनी के द्वार लेखकों, कलाकारों, साहित्य-प्रेमियों के साथ समाज के हर वर्ग से जुड़े उनके पाठकों के लिए सदैव खुले रहे।
निधन : 79 वर्ष की आयु में, 21 मार्च, 2003, दिल्ली में।
Address:1-B, Netaji Subhash Marg,
Daryaganj, New Delhi-02
Mail to: info@rajkamalprakashan.com
Phone: +91 11 2327 4463/2328 8769
Fax: +91 11 2327 8144