जन्म: 1925 में। इन छह दशकों में उनके बिना नाटकों की चर्चा करना बेमानी है। मूल बंगाली में लिखे होने के बावजूद उनके दर्जनों नाटक उसी तन्मयता के साथ अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित हुए और खेले जाते रहे हैं।
प्रकाशन: एवं इन्द्रजीत, बाक़ी इतिहास, वल्लभपुर की रूप कथा, राम-श्याम, जादू, कवि कहानी, अबुहसन, सगीना महतो, स्पार्टाकस तथा सारी रात (सभी नाटक) एवं इन्द्रजीत तथा बाक़ी इतिहास सहित कई नाटक मराठी, गुजराती, कन्नड़, मणिपुरी, असमी, पंजाबी, हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में अनूदित तथा मंचित।
सम्मान: संगीत नाटक अकादमी का राष्ट्रपति सम्मान, नेहरू फैलोशिप आदि।
सम्प्रति: इंजीनियर तथा नाट्य समूह आँगन मंच से सम्बद्ध।